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                                   स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल


                                ‘‘पाठशाला ही नहीं, संस्कारशाला भी‘‘


                 किसी भी राष्ट्र, राज्य, समाज या व्यक्ति के उन्नयन, उत्कर्ष तथा उद्भव में शिक्षा की भूमिका धुरी की है। आधुनिक समाज में मानव जीवन अनेक वैज्ञानिक चमत्कारों और तकनीकी आविष्कारों से अच्छादित होता जा रहा है। वैश्वीकारण के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में ज्ञान-विज्ञान ही वह टिमटिमाता दीपक है जो उज्ज्वल भविष्य की राह रौशन करता है। ज्ञान-विज्ञान का बढ़ता दायरा एक ओर तो एक सुखद अनुभूति है लेकिन दूसरी ओर इस दौड़ की व्याकुल स्पृहा हमारे नैतिक मूल्यों, मर्यादाओं और समृद्ध संस्कारों के लिए घुन का काम कर रही है। ऐसे में इनकी सुरक्षा के लिए हमें सिर्फ पाठशाला की नहीं अपितु संस्कारशाला की भी जरूरत है जो विज्ञान, तकनीक एवं संस्कार के बीच संुदर तालमेल बैठा सके। यही वह चिंता है जिसने संतमत अनुयायी आश्रम मठ गड़वाघाट के वर्तमान पीठाधीश्वर श्री श्री 108 श्री स्वामी सद्गुरू सरनानन्द जी महाराज परमहंस को स्वामी हरसेवानन्द शिक्षण सोसायटी की स्थापना के लिए प्रेरित किया और उन्होंने वर्ष 2004 में इसे स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल, गड़वाघाट, रमना, वाराणसी के रूप में मूर्त रूप दे दिया। सीबीएसई की संम्बद्धता वाले विद्यालयों के जरिए अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा शुरू करने के बारे में शुरू में ही स्वामीजी ने अपना दृष्टिकोंण स्पष्ट कर दिया था कि अंग्रेजी तालीम देने का हमारा मकसद नौनिहालों को अं्रग्रेज बनाना हरगिज नहीं बल्कि यह है कि हिन्दी के संस्कार, अंग्रेजी ज्ञान होने के कारण पिछड़ने पायें। इस स्कूल में प्री-नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा की व्यवस्था की जा चुकी है। स्कूल की मुख्य शाखा रमना गड़वाघाट, नगर के कोलाहलरहित, और प्रदूषणमुक्त वातावरण में माँ गंगा की अविरल धारा के आंचल में 5 एकड़ भूमि पर विस्तारित है। यहां कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संवर्ग की अंग्रेजी माध्यम में सह-शिक्षा दी जा रही है। दूसरी शाखा शिक्षण सत्र 2008 से शहर के बीचोबीच अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल, जगतगंज के रूप में चल रही है। इसमें प्री-नर्सरी से दसवीं कक्षा तक की शिक्षा अत्याधुनिक तकनीकि से प्रशिक्षित अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा सुनिश्चित करायी जा रही है। भावी नागरिकों के निर्माण की दिशा में एक और कदम आगे बढाते हुए संस्था ने अपनी तीसरी शाखा बनपुरवा रमना में स्थापित कर दी है। इस रेजिडेन्शियल पब्लिक स्कूल को भी सीबीएसई ने रिकार्ड अल्पसमय में टेन-प्लस-टू की मान्यता से नवाज कर संस्था की गुणवत्ता पर धमाकेदार मुहर लगायी है। एक बिलकुल नए कदम के अंतर्गत हमने सोनभद्र जनपद के चुर्क क्षेत्र में भी इस स्कूल की टेन-प्लस टू शाखा स्थापित कर दी है जहां 2013-14 सत्र से अध्ययन-अध्यापन चल रहा है। इसकेे अलावा रेलवे स्टेशन रोड पर ही उच्च शिक्षा को समर्पित स्वामी हरसेवानन्द महाविद्यालय बनाया है। जहाँ पाँच हजार छात्र-छात्राओं की क्षमता से सम्पृक्त कैम्पस है। जहाँ अभी बी00, बीएस-सी, बी0काॅम, बीबीए, की कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं इसके अलावा सोनभद्र के घोरावल में भी पिछले वर्ष पब्लिक स्कूल बनाया गया है जो ग्रामीण इलाके में शहरी विषयवस्तु उपलब्ध कराने की कोशिश की गयी है। विद्यालय की प्रत्येक शाखा का अत्याधुनिक आवासीय एवं शैक्षणिक परिवेश शहर के अन्य संस्थानों की तुलना में अधिक क्षमतावान और सहज है। सहज इसलिए कि यहां का फी-स्ट्रक्चर भी अन्य सीबीएसई विद्यालयों के मुकाबले अत्यंत अल्प रखा गया है। विद्यालय समूह के संस्थापक मठ गड़वाघाट ट्रस्ट के पीठाधीश्वर श्री श्री 108 स्वामी सद्गुरू सरनानन्दजी महाराज की सोच के अनुरूप शुल्क को गांव, गरीब, किसान और झोपड़ी के इंसान की पहुंच के दायरे में रखने की चेष्टा की गयी है। कम से कम फीस में ज्यादा से ज्यादा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराने का पं्रयास किया गया है।विषय के साथ-साथ आध्यात्मिक संस्कारिक शिक्षा भी शुलभ करायी जा रही है। वाराणसी में एक कन्या महाविद्यालय की स्थापना का ढांचा भी तैयार हो गया है जो अतिशीघ्र समूचा आकार ले लेगा। प्रथम चरण में यह महाविद्यालय बीए और बीकाम की शिक्षा देगा लेकिन अत्यंत अल्पकाल में ही इसमें बीएससी तथा अन्य डिग्रियों की कक्षाएं भी शुरू की जायेंगी। यह प्रयास रिमोट एरियाज में नारी शिक्षा को बढावा देने की सोच के तहत किया गया है।

प्रकाशयुक्त, विस्तृत एवं वायुवीय काष्ठोपकरणों आदि से युक्त विद्यालय की छः संस्थान पूर्वांचल के एक अग्रणी संस्थान के रूप में बच्चों को तराशने में जुटी हैं। नौनिहालों की निर्माणावस्था में प्रशस्त एवं प्रभावी स्फुरण पैदा कर उनकी अभिरूचि एवं अन्तर्निहित प्रज्ञा को समग्र रूप में उभारा जा रहा है। विकास का समुचित अवसर प्रदान करने की दृष्टि से बहुआयामी प्रयोगशाला, कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र, खेल के विशाल मैदान, छोटे बच्चों को विविध खिलौने, दृश्य-श्रव्य उपकरणं, स्मार्ट क्लाॅसेस, क्रियात्मक शिक्षण, स्वास्थ्यप्रद आहार, उत्तम सुविधायुक्त छात्रावास, सुरक्षित एवं सुखद वाहन सुविधा, अनुभवी समर्पित शिक्षकों द्वारा शिक्षण की सुविधा आदि ही इस विद्यामंदिर की सबसे बड़ी विशेषता हैं। 

                अपने उद्देश्य को प्राप्त करते हुए सीबीएसई द्वारा आयोजित परीक्षाओं में लगातार चार वर्षों से शत-प्रतिशत परीक्षाफल का आना स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा प्रबन्धतंत्र की कर्मठता, लगनशीलता, समर्पण, तत्परता एवं कुशलता का ही प्रमाण है। सामान्य विद्यार्थियों को भी योग्यता के पैमाने पर खड़ा करने का यह अनूठा उदाहरण है। सेकण्डरी तथा सीनियर सेकण्डरी परीक्षाओं में सभी विषयों में 98, 98, 96 तथा 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर ग्रामीण अंचलों के छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगी दौर में अपनी योग्यता सिद्ध की है। इसके अलावा देश की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग एवं मेडिकल संस्थाओं में छात्र-छात्राओं का चयन विद्यालय की सफलता की बानगी है। शैक्षणिक उपलब्धियों के अलावा खेलकूद, सांस्कृतिक प्रदर्शन, सामाजिक वानिकी आदि के कार्यक्रमों में अपनी मजबूत उपस्थिति से विद्यालय देश-प्रदेश और विदेश में वाराणसी को गौरवान्वित कर रहा है।       

सादर,

 प्रकाशध्यानानन्द

 (प्रबन्धक/सचिव)